संख्याओं के प्रकार

संख्याओं के प्रकार निम्न है।

  1. प्राकृतिक संख्याएँ

वे संख्याएँ, जिनसे वस्तुओं की गणना की जाती है, प्राकृतिक संख्याएँ कहलाती हैं तथा इनके समुच्चय को ‘N’ से प्रदर्शित करते हैं।

N (1,2,3,4,5,…)

शून्य को प्राकृतिक संख्या नहीं माना जाता है, क्योंकि हम संख्या 1 से गिनना प्रारम्भ करते हैं, इसलिए 1 प्रथम एवं सबसे छोटी प्राकृतिक संख्या होती है।

सभी प्राकृतिक संख्याएँ धनात्मक होती हैं।

प्रथम n प्राकृतिक संख्याओ का योग = n(n+1)/2

उदाहरण 2. यदि आरोही क्रम में a, b और c तीन प्राकृत संख्याएँ हैं, तो

(a) c²-a² = b²

  • (b) c2 — 62 <b2

हल (d) यदि तीन प्राकृत संख्याएँ a b व c आरोही क्रम में हैं, तो निश्चित ही तीसरी संख्या के वर्ग एवं पहली संख्या के वर्ग का अन्तर सदैव दूसरी संख्या से बड़ा होगा। माना, a = 2, b = 3, तथा c = 4,

→ c²-a²>b,⇒ (4)² – (2)² > 3=

16-4>3

12 > 3 (सत्य)

अतः अभीष्ट ?-a2b सत्य है।

पूर्ण एवं पूर्णांक संख्याएँ

पूर्ण संख्याएँ

जब हम प्राकृत संख्याओं में शून्य लगा देते हैं, तो वह पूर्ण संख्याओं का समुच्चय कहलाता है।

0,1,2,3,4,5,6,7 आदि पूर्ण संख्याएं हैं।

पूर्ण संख्याओं के साथ जोड़, घटाव, गुणा एवं भाग की संक्रियाएँ

  • किन्हीं दो पूर्ण संख्याओं a और b के लिए,
  • a + b = b + a होता है।

जैसे- 1030 + 89 = 1119 = 89 + 1030

संख्या पद्धति / संख्या में अंकों के मान Number System / Values ​​of Digits in a Number

Categories: Maths History

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